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69+ Family rishte shayari | फैमिली रिश्ते शायरी

Family rishte shayari



सुन्दर परिवार शायरी | True family rishte shayari



इज़्ज़त भी मिलेगी दौलत भी मिलेगी
सेवा करो माँ बाप की ज़न्नत भी मिलेगी


दुःख में जो अपनों के साथ खड़ा होता है,
असल में वही परिवार में सबसे बड़ा होता है !


सारे रिश्ते को निभा कर देखा
परिवार जैसा कोई अपना नही होता


आपको लाखों लोग मिल जायेंगे लेकिन,
लाखों गल्तियों को बार-बार माफ़ करने वाले,
परिवार वाले कभी नहीं मिलेंगे !!


बेमतलब की जिन्दगी का अब सिलसिला खत्म…
अब जिस तरह की दुनिया उसी तरह के हम…


सबसे प्यारा, सबसे सुंदर,
मेरे माता पिता का प्यार
मेरे खुशियों का बस एक ठिकाना
मेरा घर, मेरा परिवार



न कोई रास्ता आसान चाहिए,
न ही कोई सम्मान चाहिए,
एक ही चीज माँगते है रोज ऊपर वाले से,
परिवार के चेहरे पर
हर पल प्यारी सी मुस्कान चाहिए..


न जाने कितनो से मैंने इश्क किया
पर हर किसी ने मेरे दिल को तोड़ा,
अच्छे हो या बुरे हो हालात पर
मेरे परिवार ने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा।


कुछ बात हैं जरुरी, वो पहले बता दू
मेरी हर ख़ुशी हर गम में हैं
माँ की जरुरत बता दू
किसी से भी तुलना करना बेज्जती होगी
कितनी भी खुबसूरत चीज़ को
मैं अपनी माँ से बदसूरत बता दू




आप अमीर हो अगर आपके पास अपना परिवार है
पैसो का क्या है आज है तो कल नहीं है

बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें इनको तू बेकार ना कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर..!!

जिंदगी में उसके लिए हर रास्ता खुला हुआ है !
जो रहा परिवार के संग उसका हमेशा भला हुआ है !

हुतों से मैंने मुहब्बत की और बहुतों ने मेरे दिल को तोड़ा,
अच्छा हो या बुरा हर हालात मेरे परिवार ने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा..!!

घर तो इट और रेत से बन जाता हैं
पर परिवार तो प्रेम से बनता हैं

हर गम के बादल खुद पर बरसा लूंगा,
पर अपने परिवार को हमेशा खुश रहता देखता रहूँगा..!!

जब मैं अपने परिवार के लोगो के चेहरे पर मुस्कान देखता हूँ,
ऐसा लगता है कि दुनिया की सारी खुशियाँ मेरे ही नसीब में आ गई है.

बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें इनको तू बेकार ना कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर…

New Family Shayari

सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या क्या लाई,
किसी ने ये न पूछा बेटी क्या छोड़ आई…

Latest Family Shayari

बहुतों से मैंने मुहब्बत की
और बहुतों ने मेरी दिल को तोड़ा,
अच्छे हो या बुरा हर हालात में
मेरे परिवार ने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा।

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों
की सब उँगलियों से,
ना जाने कौन से ऊँगली पकड़ के
“माँ” ने मुझे चलना सिखाया होगा…

नप्यासे को पानी मिले, भूखे को खाना मिले
तिनके को सहारा मिले , कश्ती को किनारा मिले
उम्मीद की किरण अभी जिन्दा हे दिलो में की
हर एक इंसान को परिवार का प्यार मिले

नजो शक्श अपने माता-पिता का दिल
दुखाकर कामियाबी की तरफ बढ़ता है,
वह शक्श कभी भी अपनी
जिंदगी में सफल नहीं हो पाता है।

नघर के बहार दिमाग का इस्तमाल करे
क्योकि ये दुनिया एक बाजार हे
पर घर में दिल का इस्तमाल करे क्योकि
वहाँ एक परिवार हे

नजब कोई शक्श किसी तकलीफ
से गुजर रहा होता है
तब उसके परिवार के अलावा
उसका कोई भी साथ नहीं देता है।

नजिन्दगी मे किसी का साथ काफी है,
कंधे पर किसी का हाथ काफी है,
दूर हो या पास फर्क नही पड़ता,
क्योकि परिवार का प्यार काफी है..!!

नकुछ बात हैं जरुरी, वो पहले बता दू
मेरी हर ख़ुशी हर गम में हैं
माँ की जरुरत बता दू
किसी से भी तुलना करना बेज्जती होगी
कितनी भी खुबसूरत चीज़ को
मैं अपनी माँ से बदसूरत बता दू

घुट-घुट कर जीता हुआ आदमी एक दिन,
अचानक गुस्से पर काबू नही रख पाया,
कह गया जब अपनों को वह बुरा भला,
फिर रो-रोकर अपने किये पर पछताया…

रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए
एक छोटा सा उसूल बनाते हैं,
रोज कुछ अच्छा याद रखते हैं
और कुछ बुरा भूल जाते हैं…

पढ़ाई के लिए घर छोड़ा, अब घर से दूर हो गया,
तरक्की के इस दौर में मेरा परिवार ना जाने कहाँ खो गया.

जो परिवार के हर गम को चुराता है,
वो शख्स सिर्फ़ तस्वीर में ही मुस्कुराता है.

नएक पेड़ ही हे जो सभी
प्राणियों को छाँव देता हे और
एक परिवार ही हे जो घर के
सभी लोगो को आधार देता हे

उस ग़रीब को अपने परिवार के लिए लड़ते देखा है मैंने,
जीवन में पहली बार डर को भी डरते हुए देखा है मैंने।

यहाँ जरूरतों के हिसाब से सब बदलते नकाब हैं,
अपने गुनाहों पर सौ परदे डालकर…
हर शख्स कहता हैं कि जमाना बड़ा खराब हैं…

अजनबी दुनिया की उलझी हुई से राहों में,
जाने कैसे फंस गई रिश्तों की गुफाओं में,
मेरी साँसों पर भी मेरे अपने हक़ जताते हैं,
बहुत घुटन हैं मेरे आशियाने की हवाओं में…

घर के बहार दिमाग का इस्तमाल करे
क्योकि ये दुनिया एक बाजार हे
पर घर में दिल का इस्तमाल करे क्योकि
वहाँ एक परिवार हे



एक पेड़ ही हे जो सभी
प्राणियों को छाँव देता हे और
एक परिवार ही हे जो घर के
सभी लोगो को आधार देता हे



मांग लेना खुदा से बस ये दुआ
की हर जन्म मुझको यही परिवार मिले
यही माँ की ममता और
यही पिता की छाँव मिले ,


इज्ज़त वो अनमोल उपहार है
जो आप कभी भी
किसी को भी दे सकते है





रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए,
एक छोटा सा उसूल बनाते हैं,
रोज कुछ अच्छा याद रखते हैं,
और कुछ बुरा भूल जाते है…



आपको लाखों लोग मिल जायेंगे लेकिन
लाखों गल्तियों को बार-बार माफ़ करने वाले
परिवार वाले कभी नहीं मिलेंगे।